रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए CPR (कार्डियोपल्मनरी रिससिटेशन) से जुड़े एक वीडियो को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। प्रसिद्ध डॉक्टर सी. एबी फिलिप्स ने इस वीडियो की तीखी आलोचना की है और इसे चिकित्सा विज्ञान की बुनियादी जानकारी की कमी का उदाहरण बताया है।

डॉ. फिलिप्स ने कहा, “यह वीडियो पूरी तरह गलत है। यह न केवल चिकित्सा प्रक्रिया का गलत प्रदर्शन करता है, बल्कि इससे गंभीर स्वास्थ्य जोखिम भी हो सकते हैं। CPR केवल बेहोश और सांस न ले रहे व्यक्ति पर किया जाना चाहिए। किसी जागरूक और सांस ले रहे व्यक्ति पर CPR करना खतरनाक हो सकता है।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वीडियो में रेलवे कर्मचारी गलत तरीके से छाती पर दबाव डाल रहे हैं, जिससे मरीज को चोट लग सकती है और उनकी सांस लेने की प्रक्रिया बाधित हो सकती है। इसके अलावा, डॉक्टर ने वीडियो में कथित “माउथ-टू-माउथ” प्रक्रिया को गैर-सहमति के साथ किया गया कृत्य बताया और इसे भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत अपराध करार दिया।

डॉ. फिलिप्स ने मंत्री से आग्रह किया कि इस वीडियो को तुरंत हटाया जाए और इस तरह के पोस्ट से पहले पेशेवर डॉक्टरों से सलाह ली जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि मंत्री और उनकी टीम CPR की सटीक जानकारी के लिए प्रशिक्षण लें।

सोशल मीडिया पर यह मामला तेजी से वायरल हो रहा है, जहां कई लोग डॉ. फिलिप्स के बयान का समर्थन कर रहे हैं और सरकारी अधिकारियों से स्वास्थ्य संबंधी मामलों पर अधिक जिम्मेदारी से कार्य करने की मांग कर रहे हैं।

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