कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विदेशी देश में भारतीय उद्योगपति पर आरोप लगने से देश की छवि धूमिल होती है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने हमेशा मोदी सरकार की उन नीतियों का विरोध किया है, जो कुछ व्यक्तियों को लाभ पहुंचाकर प्रमुख क्षेत्रों में एकाधिकार स्थापित करती हैं और धन को सीमित हाथों में केंद्रित करती हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडानी ग्रुप पर क्रोनी पूंजीवाद का आरोप लगाते हुए इस गठजोड़ की जांच और इसे खत्म करने की मांग की। खड़गे ने कहा कि इस गठजोड़ से गरीब, मध्यम वर्ग, एमएसएमई, स्टार्टअप्स और छोटे निवेशकों को भारी नुकसान होता है।
उन्होंने ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) से अडानी ग्रुप की गतिविधियों, सरकारी एजेंसियों की भूमिका और विदेशी सौदों की जांच करने की अपील की। खड़गे ने कहा कि देश की धनराशि को सुरक्षित रखने और असमानताओं को कम करने के लिए यह कदम जरूरी है।
केन्या सरकार ने अडानी ग्रुप की दो डील्स रद्द की 
केन्या सरकार ने अडानी ग्रुप के साथ दो बड़े प्रोजेक्ट्स—$700 मिलियन की पावर ट्रांसमिशन डील और नैरोबी के जोमो केन्याटा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विस्तार के लिए प्रस्तावित समझौता—रद्द कर दिए हैं। यह कदम अडानी ग्रुप पर अमेरिका में लगे ताजा रिश्वतखोरी के आरोपों के बाद उठाया गया है।
राष्ट्रपति विलियम रूटो ने घोषणा की कि ये परियोजनाएं मौजूदा प्रक्रिया के तहत आगे नहीं बढ़ेंगी। यह अडानी ग्रुप के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जो पहले से ही कानूनी और वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहा है ।