नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडानी पर तीखा हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री की साख अब बुरी तरह से गिर चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की सभी संस्थाएं प्रधानमंत्री के नियंत्रण में हैं, इसलिए गौतम अडानी को कोई जवाबदेह नहीं ठहराया जा रहा है।
राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा, “हमने देश के युवाओं को दिखा दिया है कि अडानी और मोदी एक ही हैं। मोदी भ्रष्ट हैं, और अडानी उनके धन संग्रह करने वाले हैं।” उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष लगातार इस नेटवर्क को उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच का जिक्र करते हुए कहा कि उनके कथित संबंधों को पहले ही जनता के सामने लाया जा चुका है। राहुल गांधी ने विश्वास जताते हुए कहा, “आखिरकार सच्चाई सामने आएगी और यह पूरा नेटवर्क ध्वस्त हो जाएगा।”
राहुल गांधी ने विपक्ष के कर्तव्यों पर जोर देते हुए कहा कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि देश की जनता को इन मुद्दों के बारे में सूचित और जागरूक किया जाए।
उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। भाजपा ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए इसे आधारहीन बताया है। वहीं, कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री और अडानी समूह से जवाब मांगने की मांग दोहराई है।
यह मामला आने वाले दिनों में और गरमाने की संभावना है।
अडानी ग्रुप के शेयरों और बॉन्ड्स में भारी गिरावट
अडानी ग्रुप के शेयर और बॉन्ड्स में भारी गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट तब आई जब अमेरिकी अधिकारियों ने गौतम अडानी और उनके सहयोगियों पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए। इस घटनाक्रम से समूह के वैश्विक संचालन और निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
1.शेयरों में गिरावट:
•अडानी एनर्जीसॉल्यूशन्स के शेयर 20% तक गिर गए।
•अडानी ग्रीनएनर्जी में 18% की गिरावट दर्ज की गई।
•समूह की अन्य कंपनियों के शेयर भी 14% तक लुढ़क गए।
2.बॉन्ड बाजार पर प्रभाव:
•अडानी ग्रीन एनर्जी के बॉन्ड्स की कीमतों में 15 सेंट की गिरावट आई।
•$600 मिलियन का एक बॉन्ड ऑफर भी रद्द कर दिया गया।
3.आरोप:
•अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि गौतम अडानी और उनके सात सहयोगियों ने भारत में सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के अनुबंध हासिल करने के लिए रिश्वत खोरी की।
4.बाजार प्रतिक्रिया:
•अडानीग्रुप ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि वे सभी एंटी-करप्शन कानूनों का पालन करते हैं।हालांकि, निवेशकों की धारणा पर इसका नकारात्मक प्रभाव देखा गया है।
यह विवाद अडानी ग्रुप की छवि और संचालन पर गहरा असर डाल सकता है, खासतौर पर अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के नजरिए से ।