अमेरिकी अदालत ने गौतम अडानी और सागर अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं।
भारतीय अरबपति गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित सात अन्य वरिष्ठ व्यापारिक अधिकारियों पर अमेरिका के न्याय विभाग (DOJ) ने बुधवार को अरबों डॉलर की धोखाधड़ी योजना में शामिल होने के आरोप लगाए हैं।
अधिकारियों के अनुसार, अडानी और उनके सहयोगियों ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए $250 मिलियन (लगभग 2,000 करोड़ रुपये) से अधिक की रिश्वत देने का वादा किया। यह रिश्वत “निवेशकों और बैंकों को झूठ बोलकर अरबों डॉलर जुटाने और न्याय में बाधा डालने” के लिए दी गई थी, DOJ की उप-आसिस्टेंट अटॉर्नी जनरल लिसा मिलर ने अपने बयान में कहा।
घोटाले के मुख्य तथ्य
अधिकारियों ने बताया कि यह धोखाधड़ी 2020 से 2024 के बीच की गई थी। अडानी और अन्य अभियुक्तों ने भारतीय सरकारी अधिकारियों से सीधे मुलाकात की और विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की। सबूतों में मोबाइल फोन पर रिश्वत की ट्रैकिंग, रिश्वत की राशि का सारांश देते दस्तावेज़, और पावरपॉइंट व एक्सेल विश्लेषण शामिल हैं।
यह भी आरोप है कि अडानी और उनके सहयोगियों ने अमेरिकी निवेशकों को धोखे में रखकर वित्तपोषण प्राप्त किया, जिसमें सौर ऊर्जा अनुबंधों से $2 बिलियन (लगभग 16,000 करोड़ रुपये) से अधिक का कर-बाद लाभ होने की संभावना थी।
सभी गंभीर आरोपों के बीच, अमेरिकी जिला न्यायालय ने यह भी स्पष्ट रूप से कहा है कि 19 मार्च 2024 को अडानी समूह ने भारत के स्टॉक एक्सचेंजों, बीएसई और एनएसई, से झूठ बोला।
यह भारतीय निवेशकों को ठगने के समान है और सेबी कानून के तहत एक गंभीर अपराध है।भारत में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड आफ़ इंडिया (SEBI) पर अब सवाल खड़े होते हैं कि वे इस घोटाले पर कार्रवाई करने से क्यों चूक गए थे ? एक बार फिर, मामला मधाबी पुरी बुच के कार्यालय के गतिविधियों पर आ टिका है !
सुरक्षा और विनियामक कार्रवाई
DOJ की जांच के साथ-साथ, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने भी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और Azure Power Global के खिलाफ आरोप लगाए हैं। SEC के अनुसार, इन कंपनियों ने रिश्वत के माध्यम से अनुबंध हासिल किए और अमेरिकी निवेशकों से $175 मिलियन (लगभग 1,400 करोड़ रुपये) जुटाए।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और अडानी की प्रतिक्रिया
इससे पहले जनवरी 2023 में, अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर “जबरदस्त स्टॉक हेरफेर और अकाउंटिंग धोखाधड़ी” का आरोप लगाया था। इसके बाद अडानी की संपत्ति $80 बिलियन से अधिक घट गई थी। हालाँकि, अडानी समूह ने इसे “झूठ का पुलिंदा” बताते हुए 400 पन्नों का खंडन जारी किया था।
DOJ और SEC के इन आरोपों के बाद, अडानी समूह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और जांच का सामना करना पड़ सकता है।
Chor gatjod jindabaad…
Dakait Shakuni mama jindabad