मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पाँच सदस्यीय संविधान पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा, न्यायमूर्ति पंकज मित्थल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल थे, ने इस महत्वपूर्ण मामले पर निर्णय सुनाया। कोर्ट ने कहा कि हल्के मोटर वाहन (LMV) का ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति 7,500 किलोग्राम तक वजन वाले परिवहन वाहन को चला सकता है, जिससे 2017 के पुराने फैसले की पुष्टि हुई।
न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय ने सड़क सुरक्षा पर टिप्पणी करते हुए बताया कि दुर्घटनाओं में वृद्धि के पीछे केवल LMV चालकों को जिम्मेदार ठहराना गलत है, क्योंकि सीट बेल्ट के नियमों का पालन न करना और ड्राइविंग के दौरान मोबाइल का उपयोग जैसे अन्य कारण भी हैं। कोर्ट ने उम्मीद जताई कि लाइसेंसिंग प्रणाली को अद्यतन करने के लिए आवश्यक संशोधन किए जाएंगे। अटॉर्नी जनरल ने भी इस दिशा में कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
यह निर्णय बीमा दावों के मामलों में LMV लाइसेंस धारकों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है और देश में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक होगा।