भारतीय मौसम विभाग (IMD) की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 में अक्टूबर का मासिक औसत तापमान (रोजाना के न्यूनतम और अधिकतम तापमान का औसत) पिछले 124 वर्षों में सबसे अधिक दर्ज किया गया है। इस दौरान केंद्रीय भारत का तापमान भी रिकॉर्ड स्तर पर रहा। IMD के मुताबिक, 1901 से अब तक किसी भी वर्ष में अक्टूबर के महीने में इतना अधिक औसत तापमान दर्ज नहीं किया गया था।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस अभूतपूर्व तापमान वृद्धि का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है। इसके अतिरिक्त, वनों का विनाश भी इस संकट को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र और अंडमान द्वीपों जैसे संवेदनशील इलाकों में वनों की कटाई, जंगलों में आग और प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन भी पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है।

जलवायु विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों के विनाश से तापमान में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जिससे क्षेत्रीय जलवायु असंतुलन बढ़ रहा है। हसदेव अरण्य, जो छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है, में लगातार हो रही जंगलों की कटाई न केवल स्थानीय पारिस्थितिकी को प्रभावित कर रही है बल्कि देश भर में तापमान और बारिश के पैटर्न में बदलाव का कारण बन रही है।

केंद्रीय भारत में रिकॉर्ड तापमान के कारण विभिन्न फसलों पर भी प्रभाव पड़ने की आशंका है, जिससे किसानों की आजीविका पर खतरा मंडरा रहा है।

मौसम विभाग की इस चेतावनी के बाद पर्यावरणविदों और समाज के विभिन्न वर्गों ने सरकार से वनों की कटाई पर कड़ा रुख अपनाने की मांग की है। बढ़ते तापमान के साथ ही जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरों को देखते हुए वन क्षेत्रों का संरक्षण और सख्त नीतियों की आवश्यकता स्पष्ट हो गई है।

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