नई दिल्ली: वायु प्रदूषण भारत में एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का रूप ले चुका है। हाल ही में प्रकाशित ‘द लैंसेट काउंटडाउन ऑन हेल्थ एंड क्लाइमेट चेंज’ की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में भारत में वायु प्रदूषण के कारण कुल 16 लाख मौतें हुईं। इस संकट में कोयला और तरल गैस जैसे जीवाश्म ईंधनों का भी अहम योगदान है, जिससे होने वाली मौतों में 38 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि 2022 में भारत ने विश्व के उपभोग-आधारित PM2.5 उत्सर्जन में 15.8% और उत्पादन-आधारित PM2.5 उत्सर्जन में 16.9% का योगदान दिया। PM2.5 बेहद छोटे प्रदूषणकारी कण होते हैं जो सीधे फेफड़ों में पहुंचकर स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव डालते हैं।

दिल्ली में हालात गंभीर, वाहनों का सबसे बड़ा योगदान

अक्टूबर 2024 के बीच दिल्ली में वायु गुणवत्ता में गिरावट देखी गई है। 16 अक्टूबर से 22 अक्टूबर के बीच PM2.5 का स्तर 104 µg/m³ से बढ़कर 168 µg/m³ तक पहुंच गया। इस बढ़ोतरी के पीछे का मुख्य कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं बताया गया है, जो दिल्ली के आधे से अधिक PM2.5 प्रदूषण का कारण है।

नासा के VIIRS डेटा के अनुसार, हालांकि, पराली जलाने की घटनाओं में पिछले कुछ वर्षों में 51% तक कमी आई है। भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) के अनुसार, 12 से 21 अक्टूबर 2024 के बीच दिल्ली के PM2.5 स्तर में पराली जलाने की हिस्सेदारी केवल 0.92% रही।

संकट से निपटने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा और सार्वजनिक परिवहन में बदलाव की जरूरत

वायु प्रदूषण के कारण हो रही मौतों के आंकड़े बताते हैं कि पराली जलाने पर नियंत्रण ही पर्याप्त नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस संकट से निपटने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों का अधिकाधिक उपयोग, इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रचलन, और सार्वजनिक परिवहन के ढांचे में सुधार करना जरूरी है। इसके अलावा, वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 और राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानक, 2009 की समीक्षा भी आवश्यक है ताकि मौजूदा नियम और नीतियां आज की चुनौतियों के अनुरूप बनाई जा सकें।

भारत में वायु प्रदूषण की इस गंभीर स्थिति पर ध्यान देना प्रशासन की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल होना चाहिए ताकि जनस्वास्थ्य पर इसके दुष्प्रभावों को कम किया जा सके।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!