मुंबई। महाराष्ट्र में प्रोजेक्ट आवंटन को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि महायुती सरकार अपने करीबी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों और मापदंडों को बदल रही है, जिससे राज्य के करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है। खेड़ा ने भाजपा पर “चंदा दो-धंधा लो” की नीति चलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलेक्टोरल बॉण्ड्स स्कीम को रोकने के बाद, अब भाजपा ने पैसे बटोरने के लिए नई-नई योजनाएं बनानी शुरू कर दी हैं।
पवन खेड़ा ने बताया कि जब टेंडर जारी किए जाते हैं तो उनके लिए कई मापदंड निर्धारित होते हैं, जो गाइडलाइंस के तहत आते हैं। लेकिन भाजपा सरकार ने इन सभी मापदंडों को अनदेखा कर अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए बदलाव कर दिए हैं। उदाहरण के तौर पर, एक प्रमुख मापदंड यह है कि किसी भी एक कंपनी को दो से अधिक प्रोजेक्ट नहीं दिए जा सकते। इसके बावजूद दो कंपनियों को चार-चार प्रोजेक्ट आवंटित किए गए हैं, जिससे नियमों का खुला उल्लंघन हो रहा है।
खेड़ा ने यह भी आरोप लगाया कि सुरंग निर्माण के प्रोजेक्ट्स में एक और महत्वपूर्ण मापदंड यह है कि कंपनी को सुरंग निर्माण का अनुभव होना चाहिए, लेकिन प्रोजेक्ट में सुरंग निर्माण का काम केवल 10% है। इसके बावजूद प्रोजेक्ट को सुरंग निर्माण के नाम पर आवंटित किया गया ताकि चयनित कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया जा सके।
इसके अलावा, उन्होंने इलेक्टोरल बॉण्ड्स का भी जिक्र किया, जिसमें 13% चंदा महाराष्ट्र से ही वसूला गया था। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “पहले एक समय था जब ‘D कंपनी’ के नाम से माफिया चर्चित था, लेकिन आज मोदी राज में ‘B कंपनी’ आ गई है, जो महाराष्ट्र को लूट रही है।”
खेड़ा के इन आरोपों ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने भाजपा पर बड़े उद्योगपतियों और कॉर्पोरेट्स को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब महाराष्ट्र की जनता के पैसे से हो रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता ने मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच की जाए और जनता के हितों को प्राथमिकता दी जाए।
भाजपा की ओर से अब तक इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन कांग्रेस के इन बयानों से राज्य में भाजपा सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है।