नासिक में ट्रेनिंग के दौरान दो अग्निवीर सैनिकों की मौत पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि गोहिल विश्वराजसिंह और सैफत शित की दुखद मौत एक दर्दनाक घटना है। उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर से केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना पर गंभीर सवाल उठाए हैं। राहुल गांधी ने कहा कि यह घटना एक बार फिर इस योजना की खामियों और सेना में भर्ती की इस प्रक्रिया को लेकर सरकार की असफलताओं को उजागर करती है।
मुआवजे और पेंशन का सवाल
राहुल गांधी ने इस दुखद घटना पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या गोहिल और सैफत के परिवारों को समय पर मुआवजा मिलेगा? उन्होंने यह भी सवाल किया कि जब अग्निवीर भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए जान गंवाते हैं, तो उनके परिवारों को पेंशन और अन्य सरकारी सुविधाओं से वंचित क्यों रखा जाता है। उनका कहना है कि जब सैनिकों की जिम्मेदारियां और बलिदान समान हैं, तो उनके शहादत के बाद उनके परिवारों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है?
राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अग्निपथ योजना हमारे वीर जवानों के साथ अन्याय है और यह योजना उनकी शहादत का अपमान करती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को जवाब देना चाहिए कि क्यों एक सैनिक की ज़िंदगी दूसरे सैनिक से अधिक मूल्यवान मानी जा रही है।
युवाओं के भविष्य पर संकट
राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना को हटाने की मांग करते हुए कहा कि यह योजना न केवल सेना के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है, बल्कि देश के युवाओं के लिए भी एक अस्थिर और अनिश्चित भविष्य की स्थिति पैदा कर रही है।
अग्निवीर योजना पर विवाद
अग्निपथ योजना, जिसे अग्निवीर योजना के नाम से जाना जाता है, केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई थी, जिसका उद्देश्य सशस्त्र बलों में अल्पकालिक सेवा के लिए जवानों की भर्ती करना था। हालांकि, इस योजना के तहत चुने गए अग्निवीरों को नियमित सैनिकों के मुकाबले सीमित लाभ और सुविधाएं मिलती हैं, जिनमें पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा शामिल नहीं है। यही कारण है कि इस योजना पर बार-बार सवाल उठाए जाते रहे हैं।
राहुल गांधी की इस नई टिप्पणी के बाद यह बहस फिर से गर्म हो गई है। विपक्ष का मानना है कि यह योजना देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है, जबकि सरकार इसे सेना को युवा और आधुनिक बनाने का प्रयास बताती है।