महाराष्ट्र के मंत्रालय भवन में हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना हुई, जिसमें राज्य के उपाध्यक्ष (डिप्टी स्पीकर) नरेहरी झिरवाल, एक सांसद और कुछ विधायकों ने तीसरी मंजिल से कूदने का प्रयास किया। यह विरोध उस निर्णय के खिलाफ था, जिसमें अनुसूचित जनजातियों की भर्तियों को रोक दिया गया था। हालांकि, सुरक्षा जाल के चलते वे बच गए। घटना के बाद सरकार ने इस मामले की गंभीर जांच और सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।इस घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है और इसे लेकर प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है।
घटना का विवरण
जानकारी के मुताबिक, यह घटना दोपहर के समय की है, जब मंत्रालय के अंदर कुछ महत्वपूर्ण बैठकें चल रही थीं। अचानक इमारत की तीसरी मंजिल से कुछ लोगों के कूदने की खबर आई, इस विरोध में डिप्टी स्पीकर नरेहरी झिरवाल के साथ बीजेपी सांसद हेमंत सावर, विधायक किरण लहामटे, हीरामन खोस्कर और राजेश पाटिल भी शामिल थे, जिन्होंने मंत्रालय भवन की तीसरी मंजिल से सुरक्षा जाल पर कूदने का प्रयास किया।
इस घटना के पीछे कारण यह था कि पिछले कुछ महीनों में शिक्षकों, वन रक्षकों और राजस्व तथा स्वास्थ्य विभाग में कई पदों पर भर्ती की गई थी। गैर-आदिवासी उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र मिल चुके हैं या वे पद ग्रहण कर चुके हैं, लेकिन जिन पदों को पेसा (PESA) के तहत अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित किया गया था, उन पर अभी तक भर्ती नहीं की गई है। इस स्थिति के विरोध में यह कदम उठाया गया, जिससे आदिवासी समुदाय के लिए न्याय की मांग की जा रही है।
सुरक्षाकर्मियों की प्रतिक्रिया
घटना के तुरंत बाद, सुरक्षाकर्मियों और अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने की कोशिश की। मंत्रालय के आसपास के इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, और मामले की जांच की जा रही है।
घटना के बाद सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित करने का फ़ैसला किया है ।
गौरतलब है कि फरवरी 2018 में महाराष्ट्र के मंत्रालय भवन में सुरक्षा जाल लगाया गया था। यह कदम तब उठाया गया जब मंत्रालय की ऊपरी मंजिलों से आत्महत्या के कई प्रयास किए गए थे। इस जाल ने कई जानें बचाई हैं, और हालिया घटना में भी डिप्टी स्पीकर नरेहरी झिरवाल, बीजेपी सांसद हेमंत सावर और अन्य विधायकों की जान बच गई।