मुंबई स्थित SEBI मुख्यालय के बाहर आज युवक कांग्रेस (IYC) के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया, जिसमें SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के इस्तीफे की मांग की गई। बुच पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि उनके नेतृत्व में SEBI छोटे निवेशकों की सुरक्षा करने में विफल रहा है, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने बुच पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए थे, जिनमें उनके और उनके पति के विदेशी निवेश से जुड़े सवाल उठाए गए। इन आरोपों के बाद कांग्रेस ने भी बुच पर हितों के टकराव और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए, जिसमें कहा गया कि बुच को ICICI बैंक और अन्य कंपनियों से वित्तीय लाभ मिला, जबकि वे SEBI प्रमुख थीं। इस विवाद के कारण सेबी की साख को गंभीर चोट पहुंची है।
इसके अलावा, SEBI के अंदरूनी कर्मचारी भी बुच के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारियों ने उन पर कार्यस्थल पर ‘टॉक्सिक वर्क कल्चर’ और अवास्तविक लक्ष्य थोपने का आरोप लगाया है। 500 से अधिक कर्मचारियों ने वित्त मंत्रालय को एक पत्र लिखकर शिकायत की थी, जिसमें बुच के नेतृत्व पर सवाल उठाए गए थे।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में चुप्पी तोड़नी होगी और देश को जवाब देना होगा कि क्यों बुच जैसे विवादास्पद व्यक्ति को अब तक पद पर बनाए रखा गया है।