राजीव जैन, जी क्यू जी पार्टनर्स के सह संस्थापक
व्हिसलब्लोअर संरक्षण को बाधित करने का आरोप

अमेरिका के प्रतिभूति और विनियमन आयोग (SEC) ने जी क्यू जी पार्टनर्स  के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। SEC ने पाया कि जी क्यू जी ने अपने कर्मचारियों और पूर्व कर्मचारियों के साथ किए गए गैर-प्रकटीकरण समझौतों (NDAs) के माध्यम से व्हिसलब्लोअर संरक्षण को बाधित किया, जिससे संभावित प्रतिभूति कानून उल्लंघनों की रिपोर्टिंग करने वाले व्यक्तियों के अधिकारों में बाधा आई।

SEC के अनुसार, जी क्यू जी ने 12 संभावित कर्मचारियों के साथ किए गए एनडीए और एक पूर्व कर्मचारी के साथ किए गए समझौते में ऐसी शर्तें जोड़ीं, जो SEC को संभावित प्रतिभूति कानून उल्लंघनों की सूचना देने में बाधा बन सकती थीं। SEC ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और जी क्यू जी को यूएस $ 500,000 का जुर्माना लगाया। साथ ही, जी क्यू जी को भविष्य में ऐसी किसी भी गतिविधि से बचने का आदेश दिया गया है और व्हिसलब्लोअर प्रोटेक्शन के लिए उचित उपाय लागू करने को कहा गया है।

SEC ने पाया कि नवंबर 2020 से सितंबर 2023 के बीच GQG ने अपने एनडीए में ऐसी शर्तें जोड़ीं, जो संभावित कर्मचारियों को गोपनीय जानकारी को किसी भी सरकारी एजेंसी, जिसमें SEC भी शामिल है, के साथ साझा करने से रोकती थीं। इसके साथ ही, कंपनी ने एक पूर्व कर्मचारी के साथ किए गए समझौते में भी ऐसी शर्तें रखीं, जो SEC से स्वतंत्र रूप से संपर्क करने में बाधा डाल सकती थीं। हालांकि, SEC ने यह भी कहा कि इन शर्तों को लागू करने का कोई साक्ष्य नहीं मिला, लेकिन सिर्फ इनका होना ही उल्लंघन माना गया ।

SEC द्वारा की गई जांच के बाद, जी क्यू जी ने सितंबर 2023 में इन प्रतिबंधात्मक शर्तों को अपने समझौतों से हटा दिया और सभी मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों को इस बारे में सूचित किया कि वे SEC के साथ संभावित उल्लंघनों की रिपोर्ट कर सकते हैं। इसके बावजूद, SEC ने जी क्यू जी पर सख्त कदम उठाते हुए उन्हें भविष्य में ऐसी गतिविधियों से रोकने के आदेश के साथ जुर्माना लगाया ।

जी क्यू जी पार्टनर्स और भारतीय संबंध

जी क्यू जी पार्टनर्स, जिसकी स्थापना राजीव जैन ने की थी, फ्लोरिडा, अमरीका में स्थित है और यह ऑस्ट्रेलियाई स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध एक निवेश प्रबंधन कंपनी है। जी क्यू जी पार्टनर्स ने 2023 में अडानी समूह की कंपनियों में भारी निवेश किया था, जिसमें मार्च से अक्टूबर 2023 के बीच लगभग 38,500 करोड़ रुपये (USD 4.6 बिलियन) का निवेश शामिल है। 2024 के मध्य तक, जी क्यू जी पार्टनर्स ने अडानी समूह की विभिन्न कंपनियों में लगभग 12.5 बिलियन डॉलर का निवेश कर रखा था ।

SEC की इस कार्रवाई ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि प्रतिभूति बाजार में पारदर्शिता और व्हिसलब्लोअर की सुरक्षा के लिए अमरीकी संस्थाएं नियमों का पालन करना में कितनी गंभीरता बरतते है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड के लिए यह नाजिर हो सकता है ।

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