सफाई कर्मी से लेकर डिप्टी कलेक्टर तक 27 सितम्बर को रहेंगे सभी हड़ताल पर
कोरबा। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय आव्हान पर प्रदेश भर के लगभग पौने पांच लाख कर्मचारी और अधिकारी अपने हितों से जुड़ी चार सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। फेडरेशन के पदाधिकारी के.आर. डहरिया, तरुण सिंह राठौर, ओमप्रकाश बघेल, और राम कपूर कुर्रे ने प्रेस वार्ता आयोजित कर बताया कि छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार द्वारा दी गई “मोदी की गारंटी” पूरी तरह फेल हो चुकी है। कर्मचारियों को उनके मूलभूत अधिकार जैसे महंगाई भत्ता (D.A.) तक नहीं मिल पा रहा है, जबकि नवंबर 2023 के विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में “मोदी की गारंटी” के तहत कई वादे किए थे।
प्रमुख मांगें:
1. जनवरी 2024 से लंबित 4% महंगाई भत्त और जुलाई 2019 से अनियमित डी.ए. का एरियर को कर्मचारी के GPF खाते में समायोजित करना।
2. केंद्रीय कर्मचारियों के समान गृह भाड़ा भत्ता प्रदान करना।
3. चार स्तरीय समयमान वेतनमान की व्यवस्था करना।
4. 240 के स्थान पर 300 दिनों का अवकाश नकदीकरण।
यह सभी मांगें “मोदी की गारंटी” में शामिल थीं, लेकिन अब तक इन पर अमल नहीं किया गया है, जिस कारण चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चलाया जा रहा है। आगामी 27 सितंबर 2024 को इस आंदोलन के चौथे चरण में जिला मुख्यालयों में धरना और रैली का आयोजन किया जाएगा। इस रैली में सभी विभागों के कर्मचारी, जिसमें शिक्षक, पटवारी, तहसीलदार, डिप्टी कलेक्टर, सफाई कर्मचारी, और सरकारी वाहन चालक शामिल होंगे, अपनी मांगों के लिए सड़क पर उतरेंगे।
आंदोलन के पिछले चरणों में 6 अगस्त को इंद्रावती से महानदी भवन तक शांतिपूर्ण मशाल रैली निकाली गई थी । इसके पूर्व 20 अगस्त से 30 अगस्त तक विधायकों, सांसदों और मंत्रियों को ज्ञापन सौंपना और 11 सितंबर को प्रदेश के 146 विधानसभा क्षेत्रों और 33 जिला मुख्यालयों में शांति मशाल रैली के साथ मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया था । अब चौथे चरण में, 27 सितंबर को जिला मुख्यालयों में विशाल धरना और रैली का आयोजन कर, कर्मचारी अधिकारी अपनी चार सूत्रीय मांगों को सरकार के समक्ष रखेंगे।
आयोजकों ने बताया कि जिला और खंड संयोजकों द्वारा आंदोलन को सफल और ऐतिहासिक बनाने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।फेडरेशन ने राज्य के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों से आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने और अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने की अपील की है, ताकि यह धरना आंदोलन सफल हो सके और सरकार उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करे।