चौरसिया की लंबी हिरासत पर सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से की कड़ी पूछताछ

सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और उज्जल भुयान शामिल थे, ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री के उप सचिव सौम्या चौरसिया की लंबी हिरासत को लेकर सवाल उठाए हैं। न्यायमूर्ति भुयान ने ईडी से पूछा, “आप उसे कितने समय तक हिरासत में रख सकते हैं? 5 साल? 7 साल? खासकर जब वह एक महिला है?” न्यायमूर्ति दत्ता ने भी वारंटों के निष्पादन में देरी पर चिंता जताई।

अपने आदेश में न्यायालय ने कहा कि 1.5 साल की कैद को ध्यान में रखते हुए और सह-आरोपी को नियमित जमानत मिल जाने के साथ ही आरोप अभी तक तय नहीं किए गए हैं, बिना मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए, हम याचिकाकर्ता की अंतरिम जमानत का निर्देश देते हैं।

हालांकि, राज्य को निर्देश दिया गया है कि याचिकाकर्ता को केवल इस आदेश पर बहाल न किया जाए। याचिकाकर्ता आरोप तय करने की प्रक्रिया में सहयोग करेगी और न ही गवाहों को प्रभावित करेगी और न ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेगी। उसका पासपोर्ट ट्रायल जज के पास रहेगा और वह ट्रायल कोर्ट की संतुष्टि के बिना देश नहीं छोड़ सकेगी।

इस मामले में सौम्या चौरसिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने पैरवी की, जबकि ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू उपस्थित हुए।

दो साल से जेल में बंद है सौम्या चौरसिया

राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर सौम्या चौरसिया निलंबित IAS समीर बिश्नोई, रानू साहू दो साल से जेल में हैं। कोयला लेवी के मामले में ईडी ने आरोपियों के ठिकानों पर छापे मारे थे। इसी छापे में समीर बिश्नोई, रानू और सौम्या तीनों की संलिप्तता का पता चला था । राज्य की ईओडब्ल्यू में भी कोयला और आय से आधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज हुआ है। ईडी ने कथित कोयला घोटाले में 500 करोड़ रुपए की अवैध उगाही को लेकर जांच शुरू की थी। जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!