कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियंक खड़गे ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर सेमीकंडक्टर निवेश को कर्नाटक से दूर करके गुजरात की ओर मोड़ रही है। खड़गे के अनुसार, कर्नाटक में देश के 70 प्रतिशत चिप-डिजाइन प्रतिभा होने के बावजूद, केंद्र सरकार राज्य को इस क्षेत्र में समान अवसर नहीं दे रही है।

एक साक्षात्कार में, खड़गे ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि कर्नाटक पहले से ही भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में 10 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है, फिर भी सेमीकंडक्टर निवेश के मामले में राज्य को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हम पहले से ही राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण उत्पादन का 10% से अधिक योगदान देते हैं, लेकिन सेमीकंडक्टर के मामले में सबसे ज्यादा नुकसान हमें हो रहा है क्योंकि केंद्र सरकार हमें एक समान अवसर नहीं दे रही है।”

खड़गे ने यह भी कहा कि अगर भारत को वास्तव में एक मैन्युफैक्चरिंग हब या चिप डिज़ाइनिंग हब बनाना है, तो यह कर्नाटक से ही संभव है। उन्होंने यह भी कहा, “आप दूसरे राज्यों में कुछ नया करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि कर्नाटक में पहले से ही एक मजबूत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम है।”

मंत्री ने यह सवाल उठाया कि जब 70 प्रतिशत चिप-डिज़ाइनिंग प्रतिभा कर्नाटक में है, तो केंद्र सरकार राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर इन निवेशों को दूसरे राज्यों, खासकर गुजरात और असम की ओर क्यों धकेल रही है। खड़गे ने कहा, “पांच सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में से चार गुजरात में हैं और एक असम में, लेकिन वहां सेमीकंडक्टर उत्पादन के लिए जरूरी कौशल, अनुसंधान, नवाचार और इन्क्यूबेशन का इकोसिस्टम मौजूद नहीं है। यह पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है।”

खड़गे के इन आरोपों ने केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सेमीकंडक्टर निवेश को लेकर जारी तनाव को उजागर कर दिया है, खासकर तब जब कर्नाटक तकनीकी और उद्योग के क्षेत्रों में देश का एक प्रमुख केंद्र है।

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