हाल ही में एक चिट्ठी के जरिए एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिसने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। यह चिट्ठी सीधे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित है, और इसकी प्रतिलिपि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी दी गई है । इस मामले को सार्वजनिक करते श्री बघेल ने बताया कि इस चिट्ठी में मुख्यमंत्री के गृह जिले से जुड़ी एक गंभीर शिकायत दर्ज की गई है, जिसमें मुख्यमंत्री के कार्यालय से अवैध वसूली का आरोप लगाया गया है।
शिकायत के अनुसार, मुख्यमंत्री के निज सहायक द्वारा मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में एक कैंप कार्यालय संचालित किया जा रहा है। इस कार्यालय का प्रमुख उद्देश्य शासकीय अधिकारियों से वसूली करना बताया गया है। इस आरोप ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री के निकटतम सहयोगियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे सरकार की साख पर बुरा असर पड़ रहा है।
श्री बघेल ने अनुसार शिकायत में यह भी दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री की पत्नी, जिन्हें पहले से ही ‘सुपर CM’ के रूप में संदर्भित किया जा रहा है, के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। यह आरोप बेहद गंभीर है क्योंकि इससे सत्ता के दुरुपयोग की बात सामने आती है। एक अन्य गंभीर आरोप यह है कि कैंप कार्यालय द्वारा एक अधिकृत पत्र जारी किया गया है, जिसमें राज्य के सभी शासकीय कार्यालयों को निर्देशित किया गया है कि उनके द्वारा जारी किए गए सभी पत्रों की प्रतिलिपि इस कैंप कार्यालय को भी भेजी जाए। यह कदम स्पष्ट रूप से शासन पर पकड़ बनाए रखने और व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति के उद्देश्य से उठाया गया प्रतीत होता है।
शिकायतकर्ता का नाम बिष्णु, जो भारतीय जनता पार्टी (BJP) का कार्यकर्ता होने और छत्तीसगढ़ के जशपूर जिले का निवासी बताया जा रहा है। विष्णु ने यह आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में इस तरह के अवैध वसूली के कार्य किए जा रहे हैं। यह चिट्ठी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी भेजी गई है। भूपेश बघेल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की माँग की है, ताकि इन गंभीर आरोपों की निष्पक्ष जाँच हो सके और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
इस पूरे प्रकरण ने राज्य की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है। मुख्यमंत्री पर सीधे आरोप नहीं लगाए गए हैं, लेकिन उनके निकट सहयोगियों और परिवार के सदस्यों पर लगे आरोप सरकार की पारदर्शिता और ईमानदारी पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में हस्तक्षेप की माँग की गई है। पत्र में विशेष रूप से जाँच करवाकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपील की गई है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करने की माँग की गई है कि भविष्य में इस प्रकार की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाया जाए।
इस चिट्ठी ने राज्य की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े इन गंभीर आरोपों की जाँच और उचित कार्रवाई की माँग अब ज़ोर पकड़ रही है।आगे के घटनाक्रम पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि जाँच एजेंसियाँ, और केंद्र सरकार इस मामले पर क्या रुख अपनाते हैं।