कबीरधाम जिले के प्रशांत साहू की जेल में संदिग्ध मौत के बाद छत्तीसगढ़ की सियासत गरमा गई है। गुरुवार को प्रशांत साहू का अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के कई नेता शामिल हुए। भूपेश बघेल ने प्रशांत के परिवार से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी और इस घटना के लिए पुलिस और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।

भूपेश बघेल ने लगाए गंभीर आरोप

भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि प्रशांत साहू के पूरे शरीर पर चोटों के निशान थे, जिससे यह साबित होता है कि पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की है। उन्होंने कहा कि पुलिस का काम अपराधियों को पकड़ना है, लेकिन यहां निर्दोष लोगों के साथ जानवरों से भी बुरा सुलूक किया गया। बघेल ने यह भी कहा कि प्रशांत की मां और भाई सहित कई ग्रामीणों के साथ भी पुलिस ने अत्याचार किया है।

पुलिस पर बर्बरता का आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पुलिस की ऐसी बर्बरता पहले कभी नहीं देखी गई। प्रशांत साहू को पीट-पीटकर मार डाला गया। उन्होंने कहा कि प्रशांत की मां भी पुलिस की प्रताड़ना का शिकार हुई हैं, उनके शरीर पर चोट के निशान हैं और वे खून की उल्टियां कर रही हैं, फिर भी उन्हें कारागार में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

कांग्रेस का 21 सितंबर को छत्तीसगढ़ बंद

भूपेश बघेल ने घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री से कई मांगें कीं:

1. गृहमंत्री को तुरंत बर्खास्त किया जाए।
2. जिले के एसपी को भी तत्काल पद से हटाया जाए।
3. कचरू साहू का पोस्टमार्टम डॉक्टरों की नई टीम द्वारा दोबारा कराया जाए।
4. रेंगाखार थाने की सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक की जाए।
5. मामले की जांच हाईकोर्ट के एक सीटिंग जज से कराई जाए।
6. महिलाओं के साथ हुई बर्बरता की जांच राज्य महिला आयोग से कराई जाए।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 21 सितंबर को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा करते हुए यह मांग रखी ।

मामले की पृष्ठभूमि

प्रशांत साहू उन 69 लोगों में शामिल थे जिन्हें रेंगाखार थाना क्षेत्र के लोहारीडीह गांव में उप सरपंच रघुनाथ साहू के घर में आग लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस घटना में रघुनाथ साहू की मौत हो गई थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि ग्रामीणों को संदेह था कि रघुनाथ ने एक अन्य ग्रामीण, कचरू साहू की हत्या की थी, जिसका शव मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में एक पेड़ से लटका हुआ मिला था।

पुलिस अधिकारी निलंबित, मुआवजे की घोषणा

इस घटना के बाद कबीरधाम जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विकास कुमार को निलंबित कर दिया गया है। राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।

प्रशांत साहू की मौत से जुड़े इस मामले में सियासी सरगर्मी और प्रशासनिक जांच की मांगों के बीच पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, जिससे राज्य की राजनीतिक स्थिति और भी जटिल होती जा रही है।

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