रायपुर। हाल ही में छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में घूस की मांग से संबंधित एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें बीजापुर के मंडल संयोजक द्वारा एक महिला अधीक्षिका से घूस की डिमांड की गई थी। अब इसी तरह का एक मामला बास्तानार ब्लाक, चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र से सामने आया है, जहां मंडल संयोजक ने एक महिला शिक्षिका से आश्रम अधीक्षिका नियुक्ति के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। खास बात यह है कि इस बार यह मांग चित्रकोट के विधायक विनायक गोयल के नाम पर की गई।

कांग्रेस आईटी सेल ने इस ऑडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए आरोप लगाया है कि विधायक विनायक गोयल आदिवासी बच्चों के हक पर डाका डाल रहे हैं। कांग्रेस ने यह भी दावा किया है कि आदिवासी क्षेत्रों में हॉस्टल अधीक्षकों की नियुक्तियों के बदले 5-5 लाख रुपये तक की रिश्वत मांगी जा रही है।

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विधायक के करीबी ने दी सफाई

विनायक गोयल के करीबी रितेश दास ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि जैसे ही विधायक के नाम पर मंडल संयोजक द्वारा घूस मांगे जाने की शिकायत मिली, तुरंत कार्रवाई की गई। बुधवार को आरोपी मंडल संयोजक को निलंबित कर दिया गया है। इस मुद्दे पर विधायक विनायक गोयल शुक्रवार को मीडिया के सामने अपनी बात रखेंगे।

रिश्वत कांड पर विवाद

यह मामला तब सामने आया जब कांग्रेस ने इस ऑडियो के जरिए विधायक पर गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस ने विधायक पर आदिवासी बच्चों के अधिकारों के हनन का आरोप लगाते हुए कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में नियुक्तियों के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है।

विधायक विनायक गोयल की छवि पर इस घटना का असर पड़ सकता है, हालांकि उनके समर्थक इसे एक साजिश करार दे रहे हैं। मामले की जांच चल रही है और अब सभी की नजरें विधायक के बयान पर टिकी हैं।

यह घटना चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र में भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों की ओर इशारा करती है। इससे प्रशासन और नेताओं की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अब देखना होगा कि आगे इस मामले में क्या कदम उठाए जाते हैं और विधायक विनायक गोयल अपने बचाव में क्या सफाई देते हैं।

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