कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 32.5% की गिरावट के बावजूद देश में ईंधन की कीमतों में कोई राहत नहीं मिली है। खरगे का कहना है कि मोदी सरकार जनता से ईंधन पर अधिक कर वसूल कर रही है, जिसे उन्होंने “ईंधन लूट” करार दिया।

2014 की तुलना में आज की स्थिति

खरगे ने 16 मई 2014 का हवाला देते हुए बताया कि उस समय दिल्ली में कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल $107.49 थी, और पेट्रोल ₹71.51 प्रति लीटर तथा डीजल ₹57.28 प्रति लीटर बिक रहा था। इसके विपरीत, 16 सितंबर 2024 को कच्चे तेल की कीमत गिरकर $72.48 प्रति बैरल हो गई है, लेकिन पेट्रोल की कीमत ₹94.72 और डीजल की कीमत ₹87.62 है।

असली कीमतें होनी चाहिए थीं कम

खरगे के अनुसार, अगर कच्चे तेल की मौजूदा कीमतों को देखते हुए उचित मूल्य निर्धारण किया जाता, तो पेट्रोल की कीमत ₹48.27 और डीजल की कीमत ₹69.00 होनी चाहिए थी। लेकिन मोदी सरकार ने पिछले 10 साल और 100 दिनों में ईंधन कर के माध्यम से जनता से 35 लाख करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम वसूली है।

खरगे ने चुनावी राज्यों में जनता से अपील करते हुए कहा कि वे इस “मोदी-प्रेरित महंगाई” को खारिज करें और भाजपा को हराएं। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियों ने आम आदमी की जेब पर भारी असर डाला है और यह समय है कि जनता इस अन्याय का जवाब दे।

खरगे का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश के कई हिस्सों में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी चल रही है, और ईंधन की बढ़ती कीमतें चुनावी मुद्दा बन सकती हैं।

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