नई दिल्ली: रेल मंत्रालय ने सूचना का अधिकार (RTI) के तहत मिली जानकारी में बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 40 रेल हादसों में 313 यात्रियों और चार रेलकर्मियों की मौत हुई। ये आंकड़े पिछले दस वर्षों में सबसे ज्यादा हैं और 2023-24 के दौरान हुई मौतों की संख्या पिछले एक दशक में दर्ज कुल मौतों का लगभग आधा हिस्सा है। पिछले 10 वर्षों में 638 रेल हादसों में 719 यात्रियों और 29 रेलकर्मियों की जान गई थी।

कोच्चि के आरटीआई कार्यकर्ता राजू वझक्कला द्वारा मांगी गई जानकारी में रेल मंत्रालय ने बताया कि 2023-24 में हुई 40 रेल दुर्घटनाओं में 744 यात्रियों और पांच रेलकर्मियों को चोटें आईं। वझक्कला ने पिछले 10 वर्षों में हुए रेल हादसों, मौतों और घायलों के आंकड़ों के साथ-साथ रेल मंत्रालय में रिक्त पदों की जानकारी मांगी थी।

वर्ष 2016-17 में सबसे अधिक मौतों की संख्या दर्ज की गई थी, जिसमें 195 यात्री और तीन रेलकर्मी मारे गए थे, जबकि 346 यात्री और चार रेलकर्मी घायल हुए थे। 

2023-24 में हादसों में हुई मौतों और घायलों की संख्या में भारी वृद्धि रेल मंत्रालय में रिक्त पदों को भरने की आवश्यकता को उजागर करती है।रेलवे रिकॉर्ड के अनुसार, 1 अप्रैल 2024 तक केवल राजपत्रित कैडर में ही 3,223 रिक्तियां हैं, जिनमें से 143 पद दक्षिणी रेलवे में खाली हैं।

आरटीआई के जरिए सामने आई यह डेटा न केवल रेलवे सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है, बल्कि रेलवे में खाली पदों को जल्द से जल्द भरने की आवश्यकता को भी दर्शाता है। 2023-24 में दर्ज की गई दुर्घटनाओं और हताहतों की संख्या ने एक गंभीर समस्या को उजागर किया है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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