“मेगास्कैम की जांच के लिए तुरंत बने जेपीसी”
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अडानी समूह से जुड़े एक बड़े वित्तीय घोटाले पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने स्विस पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ऑफिस द्वारा अडानी के करीबी सहयोगी चांग चुंग-लिंग के पांच बैंक खातों को फ्रीज किए जाने के फैसले का जिक्र करते हुए गंभीर आरोप लगाए। इन खातों में कुल 311 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब ₹2,610 करोड़) हैं, जिन्हें मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी से जुड़े होने का शक है।
स्विस संघीय आपराधिक अदालत के 9 अगस्त 2024 के आदेश का हवाला देते हुए रमेश ने कहा कि अदालत ने इस कदम को सही ठहराते हुए कहा कि इन खातों में जमा धनराशि “अवैध गतिविधियों, जैसे मनी लॉन्ड्रिंग और गबन” से जुड़ी हो सकती है। इसके अलावा, स्विस जांचकर्ताओं ने इन खातों में फर्जीवाड़ा, क्रेडिट धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है। रमेश ने इसे “स्विस मानकों के लिए भी अति” करार दिया और कहा कि यह अडानी समूह के खिलाफ लंबे समय से चले आ रहे आरोपों के सच होने की ओर इशारा करता है।
जयराम रमेश ने चांग चुंग-लिंग के अडानी समूह से लंबे समय से जुड़े होने की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) की जांचों ने पहले ही चांग और उनके सहयोगी नासिर अली शबान अहली को अडानी के कोयला आयात में 52% कीमत बढ़ाने और 2021 से 2023 के बीच ₹12,000 करोड़ की हेराफेरी में शामिल पाया है। इस अवधि में गुजरात में अडानी पावर से खरीदी गई बिजली की कीमतों में 102% की वृद्धि हुई।
रमेश ने कहा कि चांग का अडानी समूह के साथ रिश्ता काफी पुराना है। 2023 में ‘हम अडानी के हैं कौन’ (HAHK) श्रृंखला के तहत पीएम से पूछे गए 100 सवालों में उन्होंने बताया था कि चांग अडानी समूह की कई कंपनियों में निदेशक रहे हैं और एक समय पर विनोद अडानी के साथ सिंगापुर का एक ही पता साझा करते थे। चांग का नाम पनामा पेपर्स में भी आया था और उनकी कंपनी गुडामी इंटरनेशनल को अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट में नामजद किया गया था।
उन्होंने आगे कहा कि चांग के बेटे की कंपनी PMC प्रोजेक्ट्स ने अडानी पोर्ट्स के कई बड़े प्रोजेक्ट्स के ठेके जीते हैं और चांग की शंघाई अडानी शिपिंग और अडानी शिपिंग (चीन) कंपनियां उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के उल्लंघन में शामिल रही हैं।
रमेश ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपने मित्र को समृद्ध और सुरक्षित करने के लिए भारत की प्रतिष्ठा को दांव पर लगा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अडानी जांच में भारतीय नियामक संस्थाओं की साख को नुकसान पहुंचाने के बावजूद सेबी के भ्रष्ट अध्यक्ष को बनाए रखा गया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि वह अडानी जांच को अपने नियंत्रण में ले और इस मेगास्कैम की पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए तत्काल जेपीसी (संसदीय समिति) का गठन किया जाए।