स्विट्ज़रलैंड में ताइवानी निवासी चांग चुंग-लिंग पर अदानी समूह के शेयरों में हेरफेर और जालसाज़ी के मामले में दिसंबर 2021 से जांच चल रही है, जिसके तहत स्विस अधिकारियों ने उनके 311 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 2,610.7 करोड़ रुपये) फ्रीज कर दिए हैं। यह कदम पिछले तीन वर्षों में अदानी समूह से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग और भारतीय शेयर बाजार में समूह के शेयरों में हेरफेर के आरोपों के तहत उठाया गया है।
स्विस जांचकर्ताओं का मानना है कि चांग चुंग-लिंग, जो इस मामले में जांच के दायरे में हैं, असल में उस कंपनी के अंतिम लाभार्थी मालिक (यूबीओ) नहीं हैं, बल्कि अदानी समूह के लिए एक फ्रंट मैन के रूप में काम कर रहे हैं। हालांकि, अदानी समूह ने इस आदेश से खुद को अलग किया है और कहा है कि इस मामले में उनका नाम नहीं लिया गया है।
9 अगस्त, 2024 को जारी किए गए स्विस अदालत के आदेश में यह कहा गया है कि अदानी समूह पर मनी लॉन्ड्रिंग और गबन जैसी अवैध गतिविधियों में शामिल होने का संदेह है। आदेश में यह भी बताया गया है कि चांग चुंग-लिंग द्वारा नियंत्रित एक संस्था ने अदानी समूह द्वारा सौंपी गई भारी धनराशि को “अपारदर्शी फंडों” में निवेश किया था। अदालत ने यह संदेह जताया है कि वास्तविक रूप से यह धनराशि अदानी समूह या उसके निदेशकों द्वारा नियंत्रित की जा रही थी।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में भी लगे थे आरोप
अदानी समूह के खिलाफ लगे आरोपों की पृष्ठभूमि में अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की जनवरी 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट भी महत्वपूर्ण है। इस रिपोर्ट में अदानी समूह पर स्टॉक हेरफेर, धोखाधड़ी, और अपारदर्शी लेनदेन के गंभीर आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि अदानी समूह की कंपनियां शेयर बाजार में नियमों का उल्लंघन कर रही थीं और उनके शेयरों की कीमतों में कृत्रिम बढ़ोतरी की जा रही थी।
रिपोर्ट में चांग चुंग-लिंग का भी नाम सामने आया था, जो अदानी समूह के बेहद करीबी माने जाते हैं। हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने आरोप लगाया था कि चांग चुंग-लिंग और उनके परिवार की अदानी समूह की कंपनियों में गहरी संलिप्तता थी, और उन्होंने समूह की ओर से कई लेन-देन किए थे, जिनमें धन के स्रोत और इस्तेमाल को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए थे।
स्विस अदालत का यह आदेश, जो भारत के राजनीतिक रूप से प्रभावशाली अदानी समूह के लिए गंभीर परिणाम हो सकता है, इस बात की पुष्टि करता है कि दिसंबर 2021 से चांग चुंग-लिंग यूरोपीय देश में जांच के दायरे में हैं। हालांकि, अदालत के आदेश में अदानी समूह, चांग चुंग-लिंग और जांच के दायरे में आई कंपनी का सीधा उल्लेख नहीं है, लेकिन इसमें कई संदर्भ दिए गए हैं, जिनसे इन्हें पहचाना जा सकता है, जिनमें भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की जांच और हिंडनबर्ग रिपोर्ट भी शामिल हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने अदानी समूह की छवि पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं, जो पहले से ही कई विवादों का सामना कर रहा है।